राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध | National Science Day Essay in Hindi

किसी भी चीज की खोज मुख्यतः दो तरह से होती है. पहला आवश्यकता पड़ने पर, जैसा कि कहा जाता है कि “आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है” तथा दूसरा किसी भी वस्तु या घटना को देखकर उनके पीछे का कारण जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होने पर. तो आइए विस्तार से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध (rashtriya vigyan diwas par nibandh) जानते हैं.

समुंदर नीला क्यों होता है? यह सवाल आप लोगों के मन में भी कभी ना कभी आया ही होगा. यही सवाल महान भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन (CV Raman) के मन में भी आया था जब वह 1921 में समुद्री जहाज से लंदन से भारत आ रहे थे. फिर 1928 में उन्होंने ‘रमन प्रभाव’ नामक अपना एक सिद्धांत प्रकाशित किया जो बहुत प्रसिद्ध हुआ.

इस पोस्ट में हमलोग राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध जाएंगे. जिसके अंतर्गत विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है, विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है, आदि भी जानेंगे. अंत में National Science Day Essay in Hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे. तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध 

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प्रस्तावना | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की प्रस्तावना 

सीवी रमन के प्रसिद्ध खोज ‘रमन प्रभाव’ को याद करने के लिए प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. यही खोज ने ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ के क्षेत्र को भी जन्म दिया है. जो आज विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. उसके इस महान कार्य के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

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विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?

महान भारतीय भौतिक विज्ञानी सीवी रमन के नायाब खोज ‘रमन प्रभाव’ के याद में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस खोज ने विश्व स्तर पर उसकी पहचान करवाई तथा इसी खोज के कारण वर्ष 1930 में सीवी रमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला. 

दरअसल, 1921 में जब वे समुद्री जहाज से लंदन से भारत वापस आ रहे थे तो, समुद्र को देखकर उनके मन में यह सवाल आया कि आखिर समुंदर नीला क्यों होता है? साधारणत: वह इस बात से सहमत नहीं थे की चूंकि आसमान का रंग नीला होता है इसलिए समुद्र का रंग भी नीला है.

अगर आप इतिहास के पन्ने को पलट कर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि जिज्ञासा ही बहुत से वैज्ञानिक खोज का कारण बनी है. न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण बल की खोज एवं डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आजाद का विभिन्न मिसाइल बनाना, इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण है.

आपको अगर नहीं पता तो बता दे कि पेड़ से सेब को गिरता देखकर न्यूटन को यह जानने की जिज्ञासा हुई कि सेब नीचे ही क्यों गिरा? कोई भी वस्तु ऊपर से नीचे ही क्यों गिरती है? नीचे से ऊपर क्यों नहीं जाते हैं? इसी पर शोध करने के बाद उसे पता चला कि पृथ्वी में एक चुंबकीय शक्ति जो प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है जिसे उन्होंने गुरुत्वाकर्षण बल (gravitational force) का नाम दिया गया.

इसी तरह डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भी चिड़िया को उड़ता देखकर यह जानने की जिज्ञासा हुई की ये आसमान में कैसे उड़ती है? फिर उनके शिक्षक ने उन्हें बहुत अच्छे से समझाया जो उसे बहुत भाया. फिर वह बड़े होकर कई सारे मिसाइल बनाए. इसलिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आज़ाद को “मिसाइल मैन” भी कहा जाता है.

बहरहाल, समुद्र का रंग नीला देखकर सी वी रमन को इसकी वजह जानने की जिज्ञासा हुई और अपनी इस जिज्ञासा को शांत करने के लिए उन्होंने इस पर शोध शुरू कर दिया. जिससे उन्हें पता चला कि ऐसा प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) के कारण होता है.

The raman spectrum of pure water - national Science Day Essay in Hindi
The Raman spectrum of pure water: Photo by Bob Fosbury on Flickr

इस खोज के अनुसार, प्रकाश जब किसी पारदर्शी वस्तु से गुजरता है तो कुछ किरणें उसमें से फैल जाती है, और ये फैली हुई प्रकाश की किरणें अपनी तरंगधैर्य और आयाम को बदल देती है, हालांकि ये बहुत ही निम्न स्तर पर ही होता है.

इस खोज का नाम सीवी रमन के नाम पर ही ‘रमन प्रभाव’ रखा गया. ‘रमन प्रभाव’ को रमन प्रकीर्णन (raman scattering) के नाम से भी जाना जाता है. उनका ये खोज बहुत ही प्रसिद्ध हुआ तथा इसी के कारण सन 1930 में उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

रमन स्कैटरिंग ही ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ के क्षेत्र का जन्मदाता है, जिसका आज भी बहुत सारे क्षेत्र में व्यापक रूप से इस्तेमाल हो रहा है.

इस ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ की मदद से हम मुख्यता निम्नलिखित काम कर सकते हैं:

  • फार्मास्यूटिकल रसायनों की पहचान करना 
  • नकली दवाओं की खोज करना 
  • रासायनिक बंधन संरचनाओं को निर्धारित करना 
  • क्रिस्टल अभिविन्यास को ढूंढना 
  • तापमान निर्धारित करना 
  • लेजर का उपयोग करके विसफोटकों का पता लगाना 
  • पुराने चित्रों और ऐतिहासिक दस्तावेजों में वर्णक (pigments) की पहचान करना 

1947 में भारत के आजाद हो जाने के बाद सी वी रमन को नवनिर्मित सरकार द्वारा पहला राष्ट्रीय प्रोफेसर नियुक्त किया गया था. उसके अगले साल ही वे इस पद से सेवानिवृत्त (retired) हुए और बेंगलुरु में अपना एक संस्थान ‘रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ की स्थापना की.

‘रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में उन्होंने अपनी मृत्यु तक काम किया. 21 नवंबर 1970 को सर चंद्रशेखर वेंकटरमन (CV Raman) की मृत्यु हो गई.

उनकी मृत्यु के 16 साल बाद 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने का आग्रह किया. भारत सरकार की मंजूरी के बाद पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया.

1987 से प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को पूरे भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूकता लाना और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है.

सरकार का हमेशा से यह प्रयास रहा है के ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र में आए तथा विज्ञान में करियर बनाएं. इसके लिए सरकार और कई सारे संस्थान समय-समय पर कई सारे स्कॉलरशिप, फेलोशिप, योजनाएं आदि निकालती रहती है.

अगर आप अभी दसवीं में है तो इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए 10वीं के बाद 12वीं साइंस स्ट्रीम से कर सकते हैं. सीवी रमन की ही तरह भौतिक विज्ञानी बनने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा मैथ से 12वीं पास करें.

ये बात हमलोगों को समझना होगा कि किसी भी देश के विकास में वैज्ञानिक सोच का प्रसार बहुत ही आवश्यक होता है. नेशनल साइंस डे जैसा अवसर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में बहुत सहायक होता है. हम विज्ञान की मदद से समाज के लोगों के जीवन की बहुत सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं तथा उन्हें विभिन्न सुविधा पहुंचा कर उनके जीवन को खुशियों से भर सकते हैं.

मानव कल्याण और प्रगति के लिए वैज्ञानिक क्षेत्र की सभी उपलब्धियों, प्रयासों और गतिविधियों को प्रदर्शित करना भी विज्ञान दिवस मनाने के उद्देश्य में शामिल है.

Rashtriya Vigyan Diwas Kaise Manaya Jata Hai?

स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, टेक्निकल इंस्टिट्यूट, विज्ञान संस्थान, आदि में विज्ञान प्रश्नोत्तरी, प्रदर्शनी वैज्ञानिकों के भाषण, सेमिनार, निबंध लेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता, वर्कशॉप, आदि जैसे विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से जुड़े प्रोग्राम आयोजित करके इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.

इस दिन विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्ति, संगठन तथा संस्थान को पुरस्कार भी दिया जाता है.

CV Raman - National Science Day Essay in Hindi
सीवी रमन

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर दिए जाने वाले प्रमुख पुरस्कार निम्नलिखित हैं:

  • ऑगमेंटिंग राइटिंग स्किल्स फॉर आर्टिकुलेटिंग रिसर्च (AWSAR) अवॉर्ड्स 
  • एसएंडटी कम्युनिकेशन अवॉर्ड्स 
  • राजेंद्र प्रभु मेमोरियल एप्रिसिएशन शील्ड 
  • एसईआरबी वुमन एक्सीलेंस अवार्ड्स

प्रत्येक वर्ष इसकी एक थीम तय की जाती है तथा सभी कार्यक्रम एवं गतिविधियां उसी थीम पर केंद्रित होती है. जैसे इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान (Global Science for Global Wellbeing)” है.

इसके अलावा इस दिन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित किताब और पत्रिकाओं को प्रकाशित एवं प्रचारित भी किया जाता है.

उपसंहार 

भारत का विज्ञान के साथ हमेशा से ही एक अटूट रिश्ता रहा है. सी वी रमन ने इस रिश्ते को और भी मजबूत कर दिए. वे विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय तथा एशियाई व्यक्ति थे. जाहिर है इससे उनको तो प्रसिद्धि मिली है तथा साथ ही साथ इस देश का नाम भी खूब रोशन हुआ.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध 10 लाइन में 

  1. प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. 
  2. 28 फरवरी 1928 को प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सीवी रमन द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज की गई थी. 
  3. राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (NCSTC) ने सन 1986 में भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाने के लिए अनुरोध किया था. 
  4. 1987 को पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया. 
  5. लोगों में विज्ञान के महत्व और इसके प्रयोग के बारे में जागरूकता लाना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य है. 
  6. सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को ‘रमन प्रभाव’ की खोज के कारण वर्ष 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 
  7. ये पहले भारतीय तथा एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था. 
  8. रमन स्कैटरिंग प्रकाश की तरंगधैर्य में परिवर्तन है जो प्रकाश की किरणों के अणुओं द्वारा विक्षेपित होने के कारण होता है.
  9. इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें” है.
  10. इस दिन विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित बहुत सारे प्रोग्राम आयोजित किया जाते हैं.

उम्मीद कि आपको ये पोस्ट ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध (essay on national science day in hindi)’ उपयोगी लगा होगा. अगर आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है तो कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध – FAQs

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय क्या है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें (Indigenous Technologies for Viksit Bharat)” है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

वर्ष 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (NCSTC) ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जाए फिर भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 28 फरवरी 1987 को प्रथम बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया.

रमन प्रभाव की खोज किसने की है?

रमन प्रभाव की खोज सीवी रमन ने की है.

सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को नोबेल पुरस्कार क्यों मिला?

प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering) से जुड़े उनके नायाब खोज ‘रमन प्रभाव’ के लिए वर्ष 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला.

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया गया?

पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया.

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